अम्बुधि-पयोधि

लेखन आपके मन का खालीपन भरता है . मन को सुकूं मिलता है ,.मेरे भीतर जब कोई अभाव कसमसाता है तब शायद रचना जन्म लेती है, मुझे पता नहीं चलता आभाव क्या पर कोई रिक्तता होती है है कुछ उद्द्वेलित करता है इन भावों की आत्यंतिक उत्कटता और विचारों का सघन प्रवाह मेरे शब्दों को आगे बढ़ाता है मेरी कलम में उतर आता है . कभी शब्द मुझमे थिरकन पैदा कर देते हैं कभी जड़ बना देते हैं मुझे क्षण -क्षण सघनतर होते हुवे विचारों के बादलों को कोई बरसने से रोक नहीं पाती हूँ तो कलम उठानी ही पड़ती है .

जुलाई 18, 2017


प्रस्तुतकर्ता Asha Pandey ojha पर 7/18/2017 10:34:00 am
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Asha Pandey ojha
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आप द्वारा प्रशंसा में कहे हुए दो शब्द मेरी कलम में कभी ना ख़त्म होने वाली स्याही का काम करेंगे ....आप की दुआएं बन सकती है कभी ना मिटने वाले अक्षर ..आपका सहयोग ही मेरा हौसला है ..स्वागत है ...!



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