सादा सौन्दर्य
अपवाद स्वरूप
नज़र आता
निर्माण -कार्य
रिश्तों से कमजोर
ढहते जाते
प्राण ले लेती
पुलिस हिरासत
बेगुनाह के
पूर्ण तुझी में
आंकाक्षा ईश्वर की
मैंने कर ली
लरजते से
तेरे मधुर बोल
ज्यौं लोकगीत
अबोले -क्षण
सच्ची प्रीत -प्यार के
शाश्वत क्षण
दिल में मेरे
रेगिस्तानी अंधड़
तेरी याद का
तेरे आदर्श
हैं पीढ़ियों के प्राण
ओ प्यारे बापू !
मत कुरेद !
भरे हुए ज़ख्मों को
पीड़ा दायक
1 टिप्पणी:
bahut badhiya....
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