सुख शांती मंगल से परिपूर्ण ये संसार हो जाये
हर एक मन साँस में मानवता का संचार हो जाये
मिटा दो ये युद्ध विध्वंस तो बड़ा उपकार हो जाये
इस धरती से ख़त्म सरहदों की दीवार हो जाये
मिट जाये ये जांत-पांत दुनिया एक परिवार हो जाये
सचमुच ज़न्नत कहीं है तो ज़मी पे साकार हो जाये
काश !यक ब यक ऐसा कोई चमत्कार हो जाये
तो यक़ीनन खुद ब खुद तुझे नमस्कार हो जाए
मेरी पुस्तक "एक कोशिश रोशनी की ओर "से
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sundar vichar
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