लेखन आपके मन का खालीपन भरता है . मन को सुकूं मिलता है ,.मेरे भीतर जब कोई अभाव कसमसाता है तब शायद रचना जन्म लेती है, मुझे पता नहीं चलता आभाव क्या पर कोई रिक्तता होती है है कुछ उद्द्वेलित करता है इन भावों की आत्यंतिक उत्कटता और विचारों का सघन प्रवाह मेरे शब्दों को आगे बढ़ाता है मेरी कलम में उतर आता है . कभी शब्द मुझमे थिरकन पैदा कर देते हैं कभी जड़ बना देते हैं मुझे क्षण -क्षण सघनतर होते हुवे विचारों के बादलों को कोई बरसने से रोक नहीं पाती हूँ तो कलम उठानी ही पड़ती है .
फ़रवरी 04, 2010
ख्वहिश है
ख़्वाहिश है कि इंसानियत मेरा जूनून हो जाये फ़िर चाहे इसके हक़ में मेरा खून हो जाये मेरी आफ़ताब की ख़्वाहिश ग़ैरवाजिब है जिसके चलते बाक़ी लोग सितारों से महरूम हो जाये मेरी पुस्तक "ज़र्रे जर्रे में वो है " से
Superb, Humanism or Insanyat hee sabse bad Majhab hai. Bahut sunder aur chamakte shabdon me. Jitnee bar padheyn ,bar bar padhne ka man karta hai. Bhadhai aur shubh kamnayen
7 टिप्पणियां:
achche vichar hai
bahut achha..kaash...ye hi khvahish her insaan ki ho..to is dunia se nafrat khtam ho jaaye.....:)
bahoot sunder
splendid , superb gr8 words as usual the best, bless u ashaji the gr8
Superb, Humanism or Insanyat hee sabse bad Majhab hai. Bahut sunder aur chamakte shabdon me. Jitnee bar padheyn ,bar bar padhne ka man karta hai. Bhadhai aur shubh kamnayen
thats so beautiful!!
simply "wonderful".
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