मार्च 05, 2010

चेहरा तो उसी का होता है

कुछ भी देखूं ज़हन के आईने में

चेहरा तो उसी का होता है

जब भी या खुदा बोलती हूँ लब से

दिल में नाम उसी का होता है

में कहां करती हूँ कुछ अपने मन से

जो वो चाहे वही होता है

रोती भी हूँ तो सिर्फ़ अश्क मेरे बहते हैं

दिल में दर्द तो उसी का होता है

मेरी पुस्तक "दो बूँद समुद्र के नाम "से

1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

very nice ......................